सपनो की उडान

Oct 11,2010

बूंद के सपने,

 मूँद के आँखे …..
 सबने देखे -मैंने देखे,
 आँख खुली तो वो ही सपने ,
             
 हवाई जहाज जब हवाओ को चीरती हुई गगन को चूमता है तो कही न कही देखने वाले नन्हे बच्चो के सपनो में भी पर लग जाते है ,उन सपनो में वो अभिलाषा होती है,नीले अम्बर से नीचे झाकने का …उस रोमांच का । एक प्रयास उन सपनो को हकीकत में बदलने का ,एक प्रयास उनके सपनो को और मजबूत करने का …..
                                  ताकि ये नन्हे अपने सपने दृढ़ता से देखे ..

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