एक परिचय

इंदौर का गौरव शहीद पर्वत, देवगुराडिय़ा के प्राचीन शिव मंदिर के निकट स्थित है। यह देश में ऐसा पहला पर्वत है, जो शहीदों की स्मृति में एक ऐसे तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है जहां आकर देश के नौनिहालों के मन में शहीदों के प्रति श्रद्धा एवं राष्ट्रीय भावना उत्पन्न हो सके. इसे विद्यार्थियों, शोधार्थियों, अन्वेषकों, विचारकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श चिंतन स्थल के रूप में बनाये जाने का उद्देश्य है।

यहां मातृभूमि पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों,स्वतन्त्रता संग्राम सैनानियों तथा समाजसेवीयों के चित्र, जीवन परिचय, उन पर केंद्रित पुस्तकें, संग्रहालय, पुस्तकालय, सभागृह आदि होंगे। महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, भगतसिंह, चंद्रशेकर आजाद आदि वीर शहीदों के जीवन और संघर्ष पर वृत्तचित्र बनाकर नियमित रूप से दिखाए जाएंगे।

आवागमन की सुगमता को ध्यान में रखते हुए मुख्य द्वार से पहाड़ी के शिखर तक सीमेंटीकृत सड़क मार्ग हेलीपेड का निर्माण प्रस्तावित है। आधी पहाड़ी तक सीमेंटीकृत मार्ग बनाया जा चुका है। साथ ही राजीव गांधी जलाशय के निकट एक हेलीपेड बनाया जा चुका है।

मुख्य प्रवेश द्वार इंडिया गेट की प्रतिकृति होगी, जिस पर शहीदों के नाम अंकित होंगे। मुख्य द्वार से शिखर तक मार्ग के दोनों ओर शिलालेख लगाए जाएंगे, जिन पर शहीदों के नाम एवं विवरण होंगे।सम्पूर्ण पर्वत पर औषधिय पौधे लगाए जाएंगे। पर्वत पर पीपल, नीम, बढ़, आम तुलसी के अतिरिक्त अनेक प्रकार के फूलदार एवं फलदार हजारों पौधे लगाए गए हैं, जो आज युवा वृक्षों का रूप ले चुके हैं। सम्पूर्ण पर्वत की परिधि जो कि लगभग 5 कि. मी. लम्बी है, पर कांटेदार तारों की बागड़ व जालियां लगा दी गई हैं।

सम्पूर्ण पर्वत को जल संवर्धन इकाई के रूम में भी विकसीत किया जा रहा है। राजीव गांधी जल संवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत अनेक छोटे-बड़े तालाब बनाए जा चुके हैं।बच्चों के मनोरंजन और लोगों की सुविधा के लिए पर्वत पर जगह-जगह पर झुले, फिसल पट्टियां, बैठने के स्थान व छत्रियां इत्यादी लगाई जाना है।पर्वत के शिखर पर भारत माता का एक भव्य मंदिर, सर्वधर्म प्रार्थना स्थल और कार्यक्रमों के लिए विशाल मैदान बनाया जाना है।

अह्वान :-
हम चाहते हैं कि इस पावन अभियान से जन मानस को और भी व्यापक स्तर पर जोड़ा जाए। आमजन शहीद पर्वत अभियान की आत्मा को समझें, इसके पवित्र उद्देश्य को समझें और इस महान लक्ष्य की प्राप्ती में आने वाली कठिनाइयों से भी परिचीत हो। इस हेतु संस्था को अपने सुझाव भेजें। संस्था का सहयोग करें।

राष्ट्रसेवा, समाजसेवा और पर्यावरण के लिए कार्य करते-करते कुछ युवा मित्रों के मन में जब इस कार्य को संगठित एवं सशक्त रूप से और व्यापक स्तर पर करने की इच्छा ने जन्म लिया तो महीनों की तैयारियों, मंथन और प्रयत्नों के पश्चात जिला पंचायत इंदौर के युवा अध्यक्ष सत्यनारायण पटेल ने अपने पिता व गुरू पूर्व मंत्री म. प्र. शासन श्री रामेश्वर पटेल के निर्देशन में म. प्र. के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजयसिंहजी के संरक्षण में 15 अगस्त 1997 को आजादी की पचासवी वर्षगांठ पर सद्भाव शहीद स्मृति संस्था की नींव रखी।राष्ट्रसेवा, समाजसेवा और पर्यावरण के लिए कार्य करते-करते कुछ युवा मित्रों के मन में जब इस कार्य को संगठित एवं सशक्त रूप से और व्यापक स्तर पर करने की इच्छा ने जन्म लिया तो महीनों की तैयारियों, मंथन और प्रयत्नों के पश्चात जिला पंचायत इंदौर के युवा अध्यक्ष सत्यनारायण पटेल ने अपने पिता व गुरू पूर्व मंत्री म. प्र. शासन श्री रामेश्वर पटेल के निर्देशन में म. प्र. के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजयसिंहजी के संरक्षण में 15 अगस्त 1997 को आजादी की पचासवी वर्षगांठ पर सद्भाव शहीद स्मृति संस्था की नींव रखी।

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