गतिविधियां

  • आतंकवाद भ्रष्टाचार एवं अराजकता के विरूद्ध पूरे देश में अलख जगाने एवं शहीद पर्वत विकास अभियान से पूरे देश के लोगों को जोडऩे के उद्देश्य से संस्था द्वारा सद्भावना यात्रा अयोजित की गई.28 जून 2002 को शहीद पर्वत से प्रारंभ हुई ये यात्रा अनेक राज्यों और तीर्थस्थलोन से गुजराती हुई देश की राजधानी दिल्ली होते हुए इंदौर पहुँची. सद्भाव और समरसता के उद्देश्य से निकाली गई इस यात्रा में लगभग २०० लोग शामिल थे.
    • अनेक राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रीगण शहीद पर्वत अभियान से प्रभावित हुए एवं शहीद पर्वत पर पौधारोपण हेतु आने की स्वीकृति प्रदान की.
    • बाघा सीमा पर तैनात जवानों ने बहुत ही आत्मीयता से स्वागत किया. जिस तिरंगे ध्वज के साथ ये कारंवा चल रहा था उसे सीमा पर तैनात जवानों ने बड़े आदर के साथ संस्था अध्यक्ष सत्यनारायण पटेल से लिया और उन्हें सीमा पर फहराया गया दूसरा ध्वज देते हुए कहा कि सीमा पर इसकी रक्षा हम कर रहे हैं व सीमाओं के भीतर इसकी रक्षा आपको करना है.
    • सेना के तीनों अंगों के अध्यक्षों ने यात्रा एवं इसके पवित्र उद्देश्य की सराहना की.भारत के थलसेनाध्यक्ष ने सन् 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना से छीना हुआ टैंक शहीद पर्वत पर रखने की श्री सत्यनारायण पटेल की मांग को तत्काल स्वीकृति प्रदान की.
    • कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी तत्कालीन राष्ट्रपतिजी उपराष्ट्रपतिजी ने इस यात्रा के लिए संस्था को साधुवाद देकर शहीद पर्वत के लिए शुभकामनाएं दीं.

कावड़ यात्रा –

  • मालवा क्षेत्र के गिरते जल स्तर के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित कर उन्हें जल संरक्षण के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से शहीद सद्भाव संस्था के अध्यक्ष सत्यनारायण पटेल के नेतृत्व में 21 जुलाई 2003 सोमवार को ओंकारेश्वर से कांवड़ यात्रा निकाली गई.लोगों की धार्मिक भावनाओं को पर्यावरण के प्रति मोडने का एक ये मध्यप्रदेश का पहला प्रयास था. इस यात्रा का एक उद्देश्य राज्य सरकार को नर्मदा और शिप्रा नदी को जोडने की सीख देना भी था. इन दोनों नदियों के जुड़ने से मालवा क्षेत्र की पांच नदियां शिप्रा चंबल गंभीर खान और कनार फिर से जीवित हो सकती है और मालवा भी पंजाब की तरह समृद्ध और संपन्न हो सकता है. यात्रा के माध्यम से श्री पटेल ने अपनी इस योजना और संकल्प को लोगों के सामने रखा.

परिचर्चा –

  • संस्था द्वारा विचार विनिमय एवं मंथन के उद्देश्य से 3 जनवरी 2003 को नया वर्ष- नई पीढ़ी इस विषय पर विद्यासागर स्कूल में परिचर्चा आयोजित की गई जो अत्यन्त ही सफल रही. इसमें हजारो लोगों ने भाग लिया.
  • सामाजिक चिंतन एवं जागरण के उद्देश्य से संस्था द्वारा समय-समय पर व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है. इसके तहत विख्यात विचारक एवं सिने अभिनेता श्री ए के हंगल का व्याख्यान 19 मई 2004 को जाल सभागृह में आयोजित किया गया.

चुनरी यात्रा –

  • स्त्री शक्ति के प्रति सम्मान की भावना जगाने और कन्या भ्रूण ह्त्या को रोकने के लिए समाज में जागृति फैलाना अत्यंत आवश्यक है. मातृशक्ति के प्रति सम्मान की पुनर्स्थापना के उद्देश्य से संस्था द्वारा सन् 2004 से प्रतिवर्ष नवरात्रि में चुनरी यात्रा का आयोजन किया जाता है और माताजी की प्रतिमाएं वितरित की जाती हैं.

राष्ट्र ध्वज तिरंगे का स्थापना दिवस -

  • शहीद सद्भाव संस्था ने राष्ट्रीय स्तर पर पहली बार देश की अस्मिता के प्रतीक राष्ट्र ध्वज तिरंगे का स्थापना दिवस मानाने की पहल की. 22 जुलाई 2007 को देश के इतिहास में पहली बार तिरंगे का स्थापना दिवस मनाया गया. इसके बाद से ही हर वर्ष 22 जुलाई को शहीद सद्भाव संस्था तिरंगे का स्थापना दिवस मना रही है. वर्ष २००९ से २२ से २८ जुलाई तक का सप्ताह तिरंगा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राष्ट्रभक्ति से जुड़े कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है तथा तिरंगे के इतिहास से जुड़े तथ्य लोगों के सामने प्रस्तुत किये जाते है तथा स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान भी किया जाता है.

पौधारोपण –

  • सन 2002 से हर वर्ष जुलाई और अगस्त माह में शहीद-सद्भाव संस्था द्वारा पौधारोपण का एक अभियान चलाया जाता है. इसकी शुरुआत १५ जुलाई २००२ से हुई थी. उस समय एन सी सी की सामान्य विंग के 500 एवं एयर विंग के 700 छात्रों तथा 9वीं गल्र्स बटालियन की 700 छात्राओं ने शहीद पर्वत पर पौधे लगाए उसके बाद ये सिलसिला लगातार जारी है. एनसीसी एनएसएस और स्काउट के अलावा इंदौर की कई सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाएं हर वर्ष पौधारोपण के इस महाभियान में भाग लेती है.

दीपोत्सव एवं तुलसी वितरण –

  • भारतीय संस्कृति के हर पर्व के पीछे प्रकृति और पर्यावरण से प्रेम का सन्देश छुपा हुआ है. धार्मिक उत्सवों के आयोजन के माध्यम से शहीद सद्भाव संस्था जनमानस को पर्यावरण से जोडने का प्रयास कर रही है ताकि लोग पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझे और हमारा पर्यावरण सुधर सके. वर्ष २००५ से संस्था ने दिवाली के पर्व उपहार में मिट्टी के दिये देने की प्रवृत्ति को परम्परा के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रही है. इसके साथ दिवाली पर संस्था द्वारा तुलसी के पौधों का वितरण भी किया जाता है.

गौरक्षा संकल्प अभियान –

  • संस्था के पांच सूत्रों में से एक सूत्र गौरक्षा का है जो कि संस्था का प्रमुख उद्देश्य है. गौरक्षा अभियान के तहत 14 जनवरी 2008 मकर संक्राति पर्व पर संस्था द्वारा इंदौर जिले के कई नगरों (बेटमा देपालपुर गौतमपुरा हातौद गांधीनगर में गौरक्षा संकल्प यात्रा निकालकर घर में बनने वाली पहली रोटी गाय माता के लिए मांगी गई. इसमें समस्त संस्था सदस्य भजन मंडली व अन्य भक्तजन उपस्थित थे.

सर्वधर्म सद्भाव –

  • झूलेलाल जयंती पर सिंधी समाज की शोभायात्रा का स्वागत.
  • जैन समाज के दोनों ही पंथों की शोभायात्राओं का स्वागत.
  • बोहरा समाज के धर्मगुरू सैयदना साहब के जन्मदिवस पर मिलन समारोह.
  • सिख समाज की शोभायात्रा का स्वागत.
  • क्रिसमस पर्व के अवसर पर सभी गिरजाघरों में फुल एवं बधाइयां.

अन्य प्रमुख गतिविधियां –

  • संस्था द्वारा रीगल तिराहे पर डेण्टल कॉलेज के छात्रों और जुनियर डॉक्टर एसोसिएशन के साथ संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर आयोजित किया गया.
  • वंदे मातरम् गान की जन्म शताब्दी के अवसर पर संस्था द्वारा रीगल तिराहे पर दिनांक 7 सितंबर 2005 को स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों का सम्मान एवं वंदे मातरम् पर्व का आयोजन किया गया.
  • 27 फरवरी 2006 को अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर मालवी कलाकार नानूराम हेकडिय़ाजी नि-शुल्क शिक्षादाता बलवंतसिंह पटेलजी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी मुक्तादेवी शर्माजी प्रसिद्ध नाट्यकार डॉ गणेश मतकरजी व समाजसेवी श्रीमति अर्चना जायसवालजी का सम्मान किया गया.
  • साम्प्रदायिकता के खिलाफ स्वतंत्रता सग्राम सैनानियों के साथ सद्भावना समरसता दिवस दिनांक 23 मार्च 2007 को मनाया गया.
  • संस्था द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सैनानी स्व केशवराम कामले की पूण्यतिथि पर शहर का नाम विभिन्न क्षेत्रों में रोशन करने वालों व श्रीमति कामले का सम्मान किया गया.
  • संस्था द्वारा प्राचीन हिंगोट युद्ध के अवसर पर अ भा कवि सम्मेलन दिनांक 10 नवम्बर 2007 को गौतमपुरा में किया गया जिसमें देश के जाने माने कवियों ने शिरकत की.
  • संस्था द्वारा शासकीय स्कूलों में विशेष छात्राओं के लिए पर्यावरण के प्रति सजगता और शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं का योगदान विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें बालिका वधू फेम आनंदी (आविका गौर) गांधी नगर देपालपुर के शासकीय स्कूलों में पहुंची एवं छात्राओं से रू-ब-रू हुई.
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